क्या अब आम आदमी की पहुँच से बाहर हो जाएगी शराब?

हरियाणा सरकार ने 12 जून 2025 से एक नई आबकारी नीति (Excise Policy) 2025-27 लागू करने का फैसला किया है। इस नीति को मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में मंजूरी दी गई। यह नीति 31 मार्च 2027 तक लागू रहेगी। इसके बाद सभी शराब से जुड़ी नीतियां वित्तीय वर्ष के अनुसार चलेंगी।

शराब हो सकती है महंगी

नई नीति के लागू होते ही शराब के दामों में 10% से 20% तक बढ़ोतरी हो सकती है। सरकार का लक्ष्य है कि इस नीति से ज्यादा राजस्व (Revenue) जुटाया जाए और शराब की उपलब्धता को नियंत्रित किया जाए।

  • 2025-26 के लिए सरकार ने ₹14,064 करोड़ का लक्ष्य रखा है।
  • 2024-25 में सरकार ने ₹12,700 करोड़ का राजस्व कमाया था, जो तय लक्ष्य ₹12,650 करोड़ से ज्यादा है।

हाईवे पर नहीं मिलेगा शराब का ठेका

अब कोई भी National Highway या State Highway पर शराब की दुकान नहीं खोली जा सकेगी। इसके अलावा:

  • शराब दुकानों के बाहर कोई डिस्प्ले बोर्ड नहीं लगेगा।
  • दुकानें सीधे दिखाई नहीं देंगी
  • हर ठेके पर चेतावनी लिखी होगी:
    • “शराब पीना सेहत के लिए हानिकारक है”
    • “शराब पीकर गाड़ी न चलाएं”

नियम तोड़ने पर भारी जुर्माना:

  • पहली बार नियम तोड़ने पर ₹1 लाख
  • दूसरी बार ₹2 लाख
  • तीसरी बार ₹3 लाख
  • इसके बाद भी उल्लंघन हुआ तो लाइसेंस रद्द

छोटे गांवों में नहीं खुलेंगी शराब की दुकानें

जिन गांवों की जनसंख्या 500 से कम है, वहां कोई शराब का ठेका नहीं खुलेगा।

  • इससे 152 शराब ठेके बंद हो जाएंगे, जो अधिकतर छोटे गांवों में हैं।
  • अब शराब दुकानें स्कूल, कॉलेज, धार्मिक स्थल और बस स्टैंड से कम से कम 150 मीटर दूर होंगी। पहले यह दूरी 75 मीटर थी।

आहाता (Ahata) खोलने के नए नियम

अब हर जिले में आहाता खोलने के लिए अलग-अलग फीस तय की गई है:

  • गुरुग्राम और फरीदाबाद: 4% लाइसेंस फीस
  • सोनीपत और पंचकूला: 3%
  • अन्य जिले: 1%

आहातों के लिए अन्य नियम:

  • क्षेत्रफल 1000 वर्ग मीटर से कम नहीं होना चाहिए।
  • आहाते ऐसे स्थान पर होने चाहिए जो बाहर से दिखाई न दें
  • लाइव म्यूज़िक, डांस या नाटक पर पूरी तरह पाबंदी होगी।

अगर कोई कार्यक्रम करना है तो एल-12ए और एल-12ए-सी जैसे अस्थायी लाइसेंस लेने होंगे।

  • बिना पंजीकृत (unregistered) कमर्शियल स्थल पर एक दिवसीय कार्यक्रम के लिए अतिरिक्त शुल्क देना होगा।

हरियाणा सरकार की यह नई नीति साफ दिखाती है कि वह राजस्व बढ़ाने के साथ-साथ शराबखोरी कम करना भी चाहती है। नई नीति का असर शराब पीने वालों, व्यापारियों और आम जनता पर साफ दिखेगा।

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